देहरादून। जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रदेश महा सचिव मौलाना शराफत अली क़ासमी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है तथा इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।
मौलाना शराफत ने कहा कि 26 निर्दाेष पर्यटकों की नृशंस हत्या एक अमानवीय कृत्य है जिसे किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता। जो लोग इसे इस्लाम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वह इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं से अनभिज्ञ हैं। इस्लाम में, किसी निर्दाेष व्यक्ति की अकारण हत्या को समस्त मानवता की हत्या बताया गया है।
मौलाना शराफत अली ने कहा कि जमीअत उलमा-ए-हिंद प्रभावित परिवारों के दुख में बराबर की भागीदार है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती है। इस अवसर पर जमीअत उलमा-ए-हिंद सभी नागरिकों से हर स्थिति में शांति, भाईचारा और सहिष्णुता बनाए रखने की अपील करती है। ऐसी घटनाओं का उद्देश्य केवल भय, घृणा और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना होता है, जिसे रोकने के लिए हमें एकजुट होना होगा।